भूल भुलैया 2
भूल भुलैया 2 सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है और पहले दिन इस फिल्म ने लगभग 16 करोड़ की कमाई की है। दर्शको की फिल्म बेहद पसंद आ रही है और फिल्म के किरदार भी।
फिल्म में तब्बू, राजपाल यादव, कियारा आडवाणी, कार्तिक आर्यन और अमर उपाध्याय, संजय मिश्रा, अश्वनी कलसेकर, मिलन्द गुणाजी, करमवीर चौधरी, राजेश शर्मा, समर्थ चौहान और गोविन्द नामदेव ने मुख्य किरदार निभाया है।
फिल्म का निर्देशन बाज़मी और लेखन आकाश कौशिक ने किया है। फिल्म टी-सीरीज और सिने 1 के बैनर में बानी है।
2004 में, जादूगरों के एक समूह ने ठाकुर महल के एक कमरे के अंदर एक आत्मा को फँसाया, उसे पवित्र धागों से सुरक्षित किया।
अठारह साल बाद, रूहान रंधावा चंडीगढ़ की यात्रा पर रीत ठाकुर से मिलता है और उसे शिमला का मशहूर संगीत समारोह को देखने के लिए अपनी बस छोड़ने के लिए मना लेता है। बाद में दोनों को पता चलता है कि जिस बस से उन्हें जाना था, उसका एक्सीडेंट हो गया था और रीत के परिवार को लगता है कि वह मर चुकी है। रीत को पता चलता है कि उसका मंगेतर उसकी चचेरी बहन से प्यार करता था, और उनकी शादी करवाने के लिए वह रूहान को अपने साथ राजस्थान उसके घर चलने के लिए मना लेती है। राजस्थान पहुँच कर रीत रुहान को लेकर अपने पुश्तैनी घर में रहने के लिए जाती है, जहाँ मंजुलिका की आत्मा को एक कमरे में तंत्र साधना करके कैद किया गया था। रीत का प्लान था की वह अपनी चचेरी बहन की शादी के बाद सबको उसके ज़िंदा होने के सचाई बता देगी लेकिन तब तक के लिए वो अपने पुश्तैनी घर में ही छुप कर रहेगी।
उसी रात छोटा पंडित उस हवेली की तरफ जाता है और हवेली के दरवाज़े को खुला देखकर दर जाता है और वहाँ से सीधा रीत के पिता, ठाकुर साहब के पास आता है और उन्हें साड़ी बात बताता है। जब रीत का परिवार रूहान को वहां पाता है तो वह उससे पूछते है कि वो वहाँ क्या कर रहा है ? रूहान फिर उन्हें एक झूठी कहानी सुनाता है कि वो भूतो को देख और सुन सकता है, और वो यहाँ रीत के भूत के कहने पर ही आया है। उन्हें यकीन दिलवाने के लिए रूहान रीत के बारे में उन्हें कुछ बाते बताता है जो सिर्फ उसके परिवार वालो को ही पता होती है। रुहान की इस बात पर परिवार वाले और ग्रामीण लोग यकीन कर लेते है। रुहान परिवार को बताता है कि रीत की अंतिम इच्छा अपने परिवार के साथ पुश्तैनी घर में रहने और अपनी चचेरी बहन की शादी देखने की थी। इस बीच, तीन पुजारी जिनका व्यवसाय रूहान की वजह से प्रभावित होता है, ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते हैं कि वह एक धोखेबाज़ है, जिससे रीत मंजुलिका के कमरे में छिप जाती है, जो तब उसकी आत्मा को छोड़ देती है, जो कहर ढाती है लेकिन परिवार को लगता है कि रीत की आत्मा ऐसा कर रही है।
मंजुलिका की बैकस्टोरी
मंजुलिका की बैकस्टोरी सामने आ गई है। मंजुलिका और अंजुलिका, रीत की भाभी, समान जुड़वां थीं लेकिन मंजुलिका अंजुलिका से ईर्ष्या करती थी क्योंकि वह उनके पिता की पसंदीदा थी, इसलिए उसने काले जादू का अभ्यास करना शुरू कर दिया। जब एक लड़का जिसे वह पसंद करती है, उसके ऊपर अंजुलिका को चुनती है, तो वह उसे मारने का फैसला करती है, इस प्रक्रिया में उनके पिता की हत्या कर दी जाती है। लेकिन अंजुलिका रक्षा में मंजुलिका को छुरा मार देती है और मंजुलिका की आत्मा उसके पति को लकवा मारते हुए बालकनी से धक्का दे देती है। वे एक पुजारी को बुलाते हैं कि वह मंजुलिका की आत्मा को एक कमरे में बंद कर देता है और उस हवेली में कभी वापस न लौटने की योजना बना कर हवेली से निकल जाते है।
मंजुलिका ही अंजुलिका है
आज के समय में मंजुलिका की आत्मा खलबली मचाती रहती है लेकिन रूहान, रीत और अंजुलिका, जिन्हें सब कुछ पता चल गया है, यह बताने से डरते हैं कि रीत का राज खुल जाएगा। मंजुलिका की आत्मा रुहान में प्रवेश करती है। रूहान मंजुलिका की आत्मा से प्रभावित हो जाता है और परिवार के सामने अंजुलिका को धमकाता है। तभी रीत सबको रीत के ज़िंदा होने का पता चलता है। अंजुलिका रीत के गले में चाकू रखती है और पता चलता है कि वह मंजुलिका थी। मंजुलिका ने अंजुलिका के साथ शरीर बदल लिया था और उस रात अंजुलिका की हत्या कर दी थी और सच्चाई का पता चलने पर अंजुलिका के पति को बालकनी से धक्का दे दिया था। अंजुलिका की आत्मा अठारह साल तक एक कमरे में बंद रही, जबकि मंजुलिका ने उसके होने का नाटक किया।
रूहान ने खुलासा किया कि वह सच्चाई जानता था और मंजुलिका की सच्चाई को सामने लाने के लिए उसने यह सब नाटक किया था। अंजुलिका की आत्मा प्रकट होती है और मंजुलिका सब कुछ मान लेती है। अंजुलिका की आत्मा फिर मंजुलिका को उसी कमरे में कूटती और तोड़ती हुयी खींचकर ले जाती है जहाँ वह बंद थी। अंजुलिका अपने परिवार से बात करती है। वह उनसे रीत को माफ करने के लिए कहती है क्योंकि उसकी वजह से उसकी बेगुनाही साबित हुई थी। वह रूहान को धन्यवाद देती है, और मंजुलिका को बाहर निकलने के लिए चिल्लाते हुए सुना जाता है। अंजुलिका परिवार को जाने के लिए कहती है क्योंकि उसने अपनी बहन के साथ अधूरा अधूरा काम पूरा करना है और बंद कमरे में प्रवेश करने के लिए आगे बढ़ती है जिसके बाद चीख सुनाई देती है।
भूल भुलैया 2 रिव्यु
फिल्म के सभी किरदारों ने अपना काम अच्छे से किया। जिनके किरदार जैसे लिखे गए थे उन्होंने वो वैसे ही किये। फिल्म के गाने इतने अच्छे नहीं थे, बस टाइटल गीत था वो ही अच्छा था। मंजुलिका की कहानी में एंट्री इंटरवल के बाद होती है जब रीत उस बंद दरवाज़े को खोलती है जिससे की वो वहां छुप सके। सबके जाने के बाद रहन रीत को ढूंढ़ता हुआ उस कमरे में आता है तो रीत रुहान के सामने आत्मा से ग्रसित होने का नाटक करती है। खेर यहाँ तक तो दर्शको को भीयकीन हो गया था की रीत में मंजुलिका की आत्मा आ चुकी है। मगर फिर कुछ देर बाद पता चलता है की ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब ये काफी हैरान करने वाला था की कैसे मंजुलिका की आत्मा ने रीत को कुछ नहो किया ? आखिर में जो कार्तिक ने मंजुलिका की आत्मा से ग्रसित होने वाला तड़का लगाया है वो कमाल था और फनी भी। फिर जब वो अंजुलिका को मारने के लिए आगे बढ़ता है तो उसे बचाने के लिए रीत उनके बीच में आ जाती है और तब ख़तम होता है फिल्म का सस्पेंस, भोली भाली अंजुलिका खुद को बचाने के लिए रीत के गले पर चाकू रख देती है और मंजुलिका को अंजुलिका के नाम से बुलाती है।
अंजुलिका – मंजुलिका
इस फिल्म में जो असल किरदार था वो था तब्बू जी का। क्या काम किया है इन्होने, मतलब दो जुड़वाँ बहनो का किरदार निभाया। एक भोली-भाली अंजुलिका और दूसरी खुर्राट और काला जादू करने वाली मंजुलिका का। इन्होने शक भी नहीं होने दिया की पूरी कहानी इन्हीं के इर्द-गिर्द है। ये तो जान ही गए थे कि मंजुलिका और अंजुलिका जुड़वा बहने है। मगर फिल्म के प्रमोशन में भी कार्तिक और कियारा को ही आगे किया जा रहा था जबकि असल कहानी ही तब्बू की थी। यह सस्पेंस काफी अच्छा था और दर्शको को ने भी ये काफी पसंद किया। भूतनी अंजुलिका से फिल्म में तब तक डर लगा जब तक आखिर में उनकी बैकग्राउंड कहानी का पता नहीं चला था। ये हॉरर-कॉमेडी फिल्म बहुत ही मज़ेदार है तो जाओ देखो अपने परिवार के साथ सिनेमा घरो में।
एक शिकायत
फिल्म में मंजुलिका या जो वो आखिर में थी भूतनी अंजुलिका की एंट्री जल्दी होनी चाहिए थी। अंजुलिका और मंजुलिका के बीच एक ऐसी लड़ाई दिखाई जा सकती थी कि जो असली मंजुलिका है जो काला जादू जानती है और वो भूतनी अंजुलिका को रोकने और खुदको बचाने के लिए काले जादू का सहारा ले रही है और परिवार के सदस्यों को नुक्सान पहुंचा रही है, तो वही भूतनी अंजुलिका सबको बचा रही है मगर फिर भी पूरा परिवार उन्हीं को विलन समझता।
हालाँकि, कहानी ऐसी ही थी मगर वो सब सिर्फ बातो में ही हुआ। मतलब मंजुलिका ने कुल 10 लोगो की हत्या की जो उसकी सच्चाई जान गए थे, जिसमें एक उसके पिता, उसकी बहन अंजुलिका और ठाकुर के परिवार के 8 सदस्य थे। अगर कहानी के शुरुवाती 30 मिनट में ही भूतनी अंजुलिका की एंट्री करवा दी जाती तो और ज्यादा मज़ा आता। पर फिल्म अभी भी बॉक्स ऑफिस पर कमाल करने वाली है।