शमशेरा के गीत
- टाइटल ट्रैक शमशेरा
- जी हुज़ूरररर
- फितूर
- परिंदा
शमशेरा टाइटल ट्रैक, शमशेरा | सुखविंदर सिंह, अभिषेक नैलवाल | मिथुन

साँसों में तुफानो का डेरा…
निगाहें है सी चील का पहरा..
कोई रोक न पायेगा इसे…
जब उठे ये बनके सवेरा…
खंजर है पिट में गहरा…
घना चाहे अँधेरा…
फिर भी ज़िद्द पे ज़िंदा जो…
कहलाय वो शमशेरा…
शमशेरा…
इससे जो टकराने की कोशिश करे…
मिटटी में मिल जावे..
जो कैद करने की साजिश करे हमको समझावे…
कुदरत भी इससे घबराये…
जब यह हत्यार उठाये…
कोई रोकने की ज़ुर्रत करे न जब यह कदमो को बढ़ाये…
खंजर है पिट में गहरा…
घना चाहे अँधेरा…
फिर भी ज़िद्द पे ज़िंदा जो…
कहलाय वो शमशेरा…
शमशेरा शमशेरा शमशेरा शमशेरा शमशेरा शमशेरा शमशेरा शमशेराशमशेरा…
शमशेरा | जी हुज़ूरररर | आदित्य नारायण | मिथुन

जी हुज़ूरररर…
ठोको सलाम ठोको…
हर सुबह शाम ठोको…
देखो आया कलंदर…
रोको न खुद को रोको…
ठोको सलाम ठोको…
हर सुबह शाम ठोको…
रोको न खुद को रोको…
हम चोरो से चोरी है करते ज़रूर…
अरे रफ्ता रफ्ता रफ्ता भरे अपना फितूर…
धिनकदिन धा धिनकदिन धा धिनकदिन धे धिनकदिन धे…
धिनकदिन धा धिनकदिन धे…
बोलो हाँ जी हुज़ूर…
धिनकदिन धा धिनकदिन धा धिनकदिन धे धिनकदिन धे…
धिनकदिन धा धिनकदिन धे…
बोलो हाँ जी हुज़ूर…
बा मुलायेजा होशियार…
जो सर कटे वो वफादार…
तिनका तिनका कट मरे…
सब मेरी खिदमत को तैयार…
इन रास्तो के फ़ासलो में सांस है मेरी…
इन फ़ासलो से बेखबर हर आस है मेरी…
मैं बे डगर वो हमसफ़र जो खुद की लेह में चलता…
हूँ बेसबर तो क्या बुरी पहचान है मेरी…
जी हुज़ूरररर…
ओ हो हो हो…
हम सीना जोरी है करते ज़रूर…
अरे रफ्ता रफ्ता रफ्ता भरे अपना फितूर…
धिनकदिन धिनकदिन धिनकदिन…
हाँ जी हुज़ूर…
धिनकदिन धा धिनकदिन धा धिनकदिन धे धिनकदिन धे…
धिनकदिन धा धिनकदिन धे…
बोलो हाँ जी हुज़ूर…
धिनकदिन धा धिनकदिन धा धिनकदिन धे धिनकदिन धे…
धिनकदिन धा धिनकदिन धे…
बोलो हाँ जी हुज़ूर…
जी हुज़ूर…
शमशेरा | फितूर गीत | अरिजीत सिंह, नीति मोहन | मिथुन, करन

तेरी आवारगी
बन जाऊ मैं
तुझे दिल की जुबां
समझाऊ मैं
तू छाओ है
सो जाऊ मैं
तू धुंध है
खो जाऊ मैं
तू वो दशा जो सर चढ़े
तो आसमानो में उड़ जाऊ मैं
तेरा ये इश्क मेरा फितूर
तू जो भी कहे बन जाऊ मैं
छाया है यु तेरा सुरूर
जिस रंग कहे रंग जाऊ मैं
तेरे नशे में हूँ मैं चूर
जिस जोग कहे लग जाऊ मैं
तेरा ये इश्क मेरा फितूर
तू जो भी कहे बन जाऊ मैं
ये इश्क की बारिश हुयी
मुझको तेरी ख्वाइश हुयी
लगता है आज की बेपनाह मोहोबत की एक नुमाइश हुयी
ये इश्क की बारिश हुयी
मुझको तेरी ख्वाइश हुयी
लगता है आज की बेपनाह मोहोबत की एक नुमाइश हुयी
बेवजह बातो, में खो ना जाए
इस पल का जादू
सुन लो मेरे हुज़ूर
आलसी राते यु बीत जाए
फिर चली जाऊ तो ना मेरा कुसूर
तू रुक ज़रा फ़रमाउ मैं
ठहर तो जा दोहराऊ मैं
मेरा वजूद है तुहि तुझी में खुदको ढूंढ लाउ मैं
तेरा ये इश्क मेरा फितूर
तू जो भी कहे बन जाऊ मैं
छाया है यु तेरा सुरूर
जिस रंग कहे रंग जाऊ मैं
मेरा ये इश्क मेरा फितूर
तू जो भी कहे बन जाऊ मैं…बन जाऊ मैं…
शमशेरा | परिंदा | सुखविंदर सिंह, अभिषेक नैलवाल | मिथुन

तू सहमे गा, हाँ बिखरे गा
फिर सिमटे गा, तब निखरे गा
तू वो परिंदा, जो फिर उड़ेगा
ओ ओ ओ ओ
आसमान है तेरा, बांधले होंसला
चल कदम तो बढ़ा, है आखरी सामना
तेरे जिस्म का लहू, बहना तो बाकी है
मर भी गए तो क्या हुआ
मिटना तो बाकी है
तू सहमे गा, हाँ बिखरे गा
फिर सिमटे गा, तब निखरे गा
ओ ओ ओ ओ
तू वो परिंदा, जो फिर उड़ेगा
जो फिर उड़ेगा
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
तू फिर उड़े गा
बंदेया…बंदेया…
जो इस राह गरजते है
नहीं जीते वो पहली में
जिस तन प्रीत मरन मिटने की
वो सिर को राखे हथेली में
तेरा जिस्म समंदर पी आया
तू पाताल के अंदर जी आया
तेरा नाम कलंदर कह लाया
कि तू जी आया तू जी आया
तेरा जोश बवंडर सा छाया
तेरा हाथ पैगम्बर का साया
तेरा नाम कलंदर कह लाया
कि तू जी आया तू जी आया
तेरे जिस्म का लहू बहना तो बाकी है
मर भी गए तो क्या हुआ
मिटना तो बाकी है मिटना तो बाकी है
तू सहमे गा, तू सहमे गा
हाँ बिखरे गा, तू बिखरे गा
फिर सिमटे गा, फिर सिमटे गा
तब निखरे गा, तब निखरे गा
तू वो परिंदा, जो फिर उड़ेगा
तू फिर उड़ेगा, जो फिर उड़ेगा
तू फिर उड़ेगा, जो फिर उड़ेगा
तू फिर उड़ेगा, तू फिर उड़ेगा